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चीन को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार भारत, LAC पर पिनाका और स्मर्च तैनात, दुश्मन के इलाके में स्ट्राइक करने की क्षमता

टेंगा (अरुणाचल प्रदेश)अरुणाचल प्रदेश और असम बॉर्डर के बीच एक जगह, जो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से दूर है और जिसे एलएसी का डेप्थ एरिया कहा जाता है। यह एलएसी से दूर जरूर है, लेकिन यहां तैनात रॉकेट लॉन्‍च सिस्टम से दुश्मन के इलाके में अंदर तक स्ट्राइक कर सटीक निशाना लगाया जा सकता है। ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर तनाव के बीच भारत ने एलएसी पर अपनी पूरी तैयारी रखी है। भारत की डिफेंसिव यानी आत्मरक्षा की ही नहीं बल्कि ऑफेंसिव यानी आक्रामक तैयारी भी पूरी है। ईस्टर्न सेक्टर में भारतीय सेना ने मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्‍च सिस्टम स्मर्च और मल्टी रॉकेट लॉन्‍च सिस्टम पिनाका को तैनात किया है। एक खुले एरिया यानी डेप्थ एरिया (एलएसी से दूर अंदर की तरफ) में सेना की एक जीप तेजी से आती है। इसमें बैठे सैनिक आकर मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्‍चर के लिए पोजिशन तय कर रहे हैं। लोकेशन तय कर वहां पर तुरंत लाल झंडा गाड़ दिया गया ताकि ऑफेंसिव ऑपरेशन में जरा भी देरी न हो। तुरंत पिनाका और स्मर्च की एक-एक फायरिंग यूनिट यहां पर पहुंची और पोजिशन ले ली। अब यह फायर करने के लिए तैयार है। एक मिनट से कम वक्त में ही दोनों रॉकेट लॉन्‍चर अपने सारे रॉकेट दाग सकते हैं। लॉन्चिंग यानी फायर के बाद ये रॉकेट लॉन्चर तुरंत अपनी पोजिशन बदलते हैं और फिर नई पोजिशन से रॉकेट लॉन्च करने के लिए तैयार हो जाते हैं। इस तरह की ट्रेनिंग यहां रोज होती है ताकि जरूरत पड़ने पर दुश्मन के घर पर घुसकर उसका सफाया किया जा सके। पिनाका यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल गौरव सूद ने कहा कि ये लॉन्ग रेंज रॉकेट लॉन्चर दुश्मन के इलाके में अंदर खुसकर सटीक निशाना लगा सकते हैं। देश में बनी रॉकेट लॉन्‍चर है पिनाका पिनाका रॉकेट लॉन्‍चर स्वदेशी है। पिनाका की एक बैटरी में 6 फायरिंग यूनिट यानी लॉन्‍चर होते हैं और एक लॉन्‍चर में 12 ट्यूब होते हैं। इस तरह एक बैटरी में कुल 72 रॉकेट होते हैं और ये सारे रॉकेट 44 सेकेंड में दुश्मन पर दागे जा सकते हैं। पिनाका की मारक क्षमता 38 किलोमीटर है और एक साथ पूरी बैटरी यानी 72 रॉकेट दागने पर यह 1000 X 800 मीटर इलाके को पूरी तरह तबाह कर सकती है। पिनाका एम्युनिशन सिस्टम का अपग्रेडेड वर्जन भी तैयार हो रहा है। जिससे इसकी मारक क्षमता 75 किलोमीटर हो जाएगी। दूसरा मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्‍च सिस्टम स्मर्च है। इसे रूस के साथ मिलकर डेवलप किया गया है। इसकी मारक क्षमता 90 किलोमीटर तक है। स्मर्च की एक बैटरी में चार लॉन्चर होते हैं। कुल मिलाकर एक बैटरी में 48 रॉकेट होते हैं। ये 48 रॉकेट महज 40 सेकेंड में दागे जा सकते हैं। इससे 1200 X 1200 मीटर के इलाके में दुश्मन को निस्तेनाबूत किया जा सकता है। एक साथ कई रॉकेट दागने में सक्षम भारतीय सेना के आर्टिलरी ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल शरद ने कहा, "मल्टी रॉकेट लॉन्चर सिस्टम स्मर्च और पिनाका इस तरह बनाए और विकसित किए गए हैं कि यह एक साथ कई रॉकेट दाग सकते हैं। इनका क्विक रिऐक्शन टाइम है और ये बेहद सटीक निशाना लगाते हैं। ये कुछ ही वक्त में दुश्मन को तबाह कर सकते हैं।" अभी भारतीय सेना के पास स्मर्च रॉकेट लॉन्च सिस्टम की तीन रेजिमेंट हैं और पिनाका मल्टी रॉकेट लॉन्च सिस्टम की चार यूनिट हैं। पिनाका की छह नई रेजिमेंट बनाई जा रही हैं। इससे सेना की ऑपरेशन कैपिसिटी में और इजाफा होगा। भारत अपनी नई रॉकेट फोर्स बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है। पिछले महीने सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि हम रॉकेट फोर्स बनाने पर विचार कर रहे हैं।
Source navbharattimes

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