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पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने वाले स्टूडेंट्स के खिलाफ लगेगा UAPA, समझिए क्या होगा हश्र

नई दिल्ली टी-20 वर्ल्ड कप मैच में भारत पर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वालों पर सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) और शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) के उन स्टूडेंट्स पर बहुत ही कड़े प्रावधानों वाले कानून UAPA (अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट) के तहत केस दर्ज किया जाएगा, जिन्होंने पाकिस्तानी राष्ट्रगान गाया था। पुलिस रिकॉर्ड में आतंकी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्कर्स के तौर पर होंगे दर्ज इतना ही नहीं, ऐसे स्टूडेंट्स को पुलिस रिकॉर्ड में भारत-विरोधी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) के तौर पर दर्ज किया जाएगा। जम्मू और कश्मीर सरकार से जुड़े सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ऐसे लोगों को भविष्य में गवर्नमेंट-फंडेड किसी भी स्कीम के लाभ से वंचित किया जाएगा। संदेश साफ है कि देश में रहकर, देश का खाकर पाकिस्तानपरस्ती करने वालों को अब महज 'गुमराह' या 'भटके हुए युवा' समझकर नरमी नहीं बरती जाएगी। सरकारी तो दूर, प्राइवेट नौकरी तक नहीं मिल पाएगी जम्मू-कश्मीर पुलिस का फोकस अब उन 'रिंग लीडर्स' को चिह्नित करने पर है जिनकी प्लानिंग के तहत यह सबकुछ हुआ और नारेबाजी हुई। इन रिंग लीडर्स को पुलिस रिकॉर्ड में देशविरोधी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) के तौर पर दर्ज करने का सीधा मतलब है कि उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल सकेगी। यहां तक कि ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे डॉक्युमेंट्स के लिए उन्हें पुलिस क्लियरेंस नहीं मिलेगी। पुलिस रिकॉर्ड्स में OGW के तौर पर दर्ज होने की वजह से सरकारी नौकरी मिलनी तो दूर, इन्हें प्राइवेट नौकरी मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। बहुत ही कठोर हैं यूएपीए के प्रावधान यूएपीए के तहत केस दर्ज होना ही अपने आपमें कड़ी कार्रवाई है। 1967 में बने इस कानून में 2019 में बदलाव कर कई और सख्त प्रावधान जोड़े गए। इसके तहत दर्ज केस में अग्रिम जमानत नहीं मिल सकती है। अगर अदालत इस बात से संतुष्ट है कि पहली नजर में यह केस बनता है तो आरोपी को नियमित जमानत भी नहीं मिल सकती। इसके तहत 30 दिनों तक के लिए पुलिस हिरासत मिल सकती है जो आमतौर पर 15 दिनों तक के लिए होती है। इतना ही नहीं, इस कानून के तहत चार्जशीट दाखिल किए जाने से पहले की अधिकतम न्यायिक हिरासत की अवधि 180 दिनों तक बढ़ाई जा सकती है जो आमतौर पर 90 दिनों की होती है। इस कानून के तहत आरोपी की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। पाकिस्तानपरस्त रिंग लीडर्स की पहचान में जुटी पुलिस ऐसे कुछ रिंग लीडर्स की पहचान कर ली गई है। मेडिकल स्टूडेंट्स के जश्न से जुड़े वीडियो को पुलिस खंगालने में लगी है। वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश भी दिखा। सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले इन स्टूडेंट्स को सब्सिडाइज्ड एजुकेशन और स्कॉलरशिप जैसी तमाम सुविधाओं का लाभ मिलता है। प्लानिंग में शामिल स्टूडेंट्स ही कार्रवाई, बाकी पर नरमी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जश्न में शामिल सभी स्टूडेंट्स के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज नहीं करेगी। सिर्फ उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा, जो इसकी प्लानिंग के पीछे थे। ऐसा इसलिए है कि हो सकता है कि कुछ स्टूडेंट्स को पाकिस्तानी टीम का समर्थन करने के लिए धमकाया गया हो या फिर वे उस वक्त के माहौल में बह गए हों और जश्न का हिस्सा बन गए। नहीं बर्दाश्त की जाएगी देशविरोधी करतूत शुरुआती जांच में पता चला है कि ये रिंग-लीडर रविवार दोपहर से ही कैंपस में घूम-घूमकर स्टूडेंट्स को पाकिस्तान की जीत की दुआ करने के लिए कहा था। जम्मू-कश्मीर सरकार के एक अधिकारी ने TOI को बताया कि किसी खिलाड़ी के शानदार खेल को चीयर करने में कुछ गलत नहीं है, लेकिन एक भारतीय संस्थान में पाकिस्तान का राष्ट्रगान गाना एक देश-विरोधी कृत्य है।
Source navbharattimes

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