नई दिल्ली दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ जाना आने वाले समय में काफी आसान होने जा रहा है। देश के पहले आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) सेमी हाईस्पीड ट्रेन को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। 82 किमी लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रॉजेक्ट (RRTS)कॉरिडोर देश का पहला सेमी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर है। इसके अंतर्गत 24 स्टेशन और दो डिपो हैं। जानते हैं इस प्रोजेक्ट और हाइस्पीड ट्रेन की खासियत के बारे में... 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की होगी स्पीडरैपिड ट्राजिंट सिस्टम कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से लेकर मेरठ के बेगमपुरा तक बनेगा। इस ट्रैक पर ट्रेन 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेंगी। ये मेट्रो रेल से तीन गुना ज्यादा गति से दौड़ेगी। ऐसे में दिल्ली से मेरठ की दूरी महज 60 मिनट में पूरी हो सकेगी। अभी फिलहाल लोगों को दिल्ली से मेरठ पहुंचने में 2.30 से तीन घंटे का समय लग जाता है। इस कॉरिडोर पर हर 5-10 मिनट के भीतर ट्रेन सर्विस उपलब्ध होगी। एक अनुमान के मुताबिक परियोजना के पूरा होने से रोज 8-9 लाख लोगों को फायदा होने की उम्मीद है। एक ही ट्रैक पर दो तरह की ट्रेनयह अपनी तरह का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है। इस पर हाईस्पीड रैपिड रेल के साथ ही मेरठ के कुछ हिस्से में मेट्रो ट्रेनें भी चलेंगी। इस तरह से ये टू इन वन प्रोजेक्ट है, जिसके तहत एक ही ट्रैक पर दो तरह की ट्रेनें चलाई जाएंगी। इस प्रोजेक्ट का कुछ हिस्सा 2023 तक पूरा किया जाना है, जबकि दिल्ली और मेरठ के बीच कॉरिडोर 2025 तक चालू करने का टारगेट रखा गया है। दिल्ली से मेरठ तक होंगे 24 स्टेशनदिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ तक के रैपिड रेल कॉरिडोर पर कुल 24 स्टेशन होंगे। इसमें सराय काले खां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मुरादनगर डिपो, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौराली मेट्रो, मेरठ नॉर्थ और मोदीपुरम स्टेशन शामिल हैं। एयरोडायनेमिक कोच के साथ होंगी कई सुविधाएंइस ट्रेन के डिब्बे में बाहरी बॉडी स्टेनलेस स्टील की होगी। ये कोच एयरोडायनामिक और हल्के। प्रत्येक कोच में छह ऑटोमेटिक प्लग-इन प्रकार के चौड़े दरवाजे होंगे। इन कोच में पर्याप्त लेगरूम के साथ 2x2 बैठने की सुविधा होगी। इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए ग्रैब हैंडल के साथ ओवरहेड सामान रैक, मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट उपलब्ध होंगे। साथ ही ऑनबोर्ड वाई-फाई के साथ-साथ आरामदायक यात्रा के लिए पोल्स और हेंडल होंगे। इकॉनमी के साथ बिजनस क्लास भीपूरी तरह एयर कंडिशंड इस ट्रेन में इकॉनमी के साथ-साथ बिजनस क्लास भी होगा। हर ट्रेन में एक कोच बिजनस क्लास का होगा और एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा। इसके कोच सीसीटीवी सर्विलांस, मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट्स, लगेज स्पेस जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे।
- दिल्ली से मेरठ का सफर में कितना टाइम लगेगा?आरआरटीएस कॉरिडोर का काम पूरा होने का बाद दिल्ली से मेरठ महज 60 मिनट के भीतर पहुंचा जा सकेगा।
- एक घंटे में एक तरफ से कितने लोग सफर कर सकेंगे?इस ट्रेन में प्रति घंटा एक तरफ से 60 हजार से 80 हजार लोग सफर कर सकेंगे।
- एक ट्रेन में अधिकतम कितने लोग आ-जा सकेंगे?इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन में एक बार में करीब 1800 लोग सवार हो सकेंगे।
- एक ट्रेन में कितने कोच होंगे?एक ट्रेन में 6 कोच होंगे। ट्रेन के कोच की संख्या बढ़ाकर 9 तक की जा सकेगी।
- एक ट्रेन में कितने लोगों के बैठने की सुविधा होगी?एक ट्रेन में 400 लोगों के बैठने की सुविधा उपलब्ध होगी।
- ट्रेन का टिकट कैसे लिया जा सकेगा?इस कॉरिडोर पर यात्रा के लिए एनसीआरटीसी स्मार्ट कार्ड या मेट्रो और किसी अन्य अथॉरिटी की तरफ से जारी ट्रैवल कार्ड का भी यूज कर सकेंगे। इसके अलावा डिजिटल और पेपर क्यूआर कोड वाले टिकट भी जारी किए जाएंगे। साथ ही यात्री एनसीआरटीसी के मोबाइल ऐप से डिजिटल क्यूआर टिकट और कार्ड आदि भी रिचार्ज करा सकेंगे।
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