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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर हरक्यूलिस, सुखोई, मिराज... चीन-पाकिस्तान को डराएगी ये दहाड़?

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में इंडियन एयरफोर्स के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-130J सुपर हरक्यूलिस से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लैंडिंग की। एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन समारोह के बाद वहां भारतीय वायुसेना के विमानों ने करतब दिखाए। एक्स्प्रेस-वे पर एयरस्ट्रिप बनाने की भारत की रणनीति को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच इसे भारत की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है। युद्ध या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में हमारी वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग हो सके, इसके लिए नैशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर एयर स्ट्रिप तैयार की जा रही है। वे पर दिखेंगे करतब बहरहाल, वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-130J सुपर हरक्यूलिस से पीएम मोदी की लैंडिंग के बाद इमरजेंसी एयर स्ट्रिप पर फाइटर जेट मिराज 2000 ने भी लैंड किया। ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से इंडियन एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो और स्पेशल फोर्स के कमांडोज की इंसरशन ड्रिल दिखाई। फाइटर एयरक्राफ्ट सुखोई, जगुआर और मिराज ने फ्लाईपास्ट किया तो सूर्य किरण एरोबैटिक टीम ने आसमान में अपना कमाल दिखाया। वैकल्पिक एयरवेज तैयार करने की रणनीति दरअसल, युद्ध छिड़ने पर दुश्मन देश सबसे पहला टार्गेट वायुसेना के एयरबेस को ही बनाते हैं। कौन से एयरवेज की क्या क्षमता है, वहां कौन-कौन से प्लेन हैं, इसका हल्का अंदाजा दुश्मन को होता है, इसलिए वो युद्ध शुरू होते ही एयरबेस को नुकसान पहुंचाने में जुट जाते हैं। पहले के युद्धों में तोपखाने को निशाना बनाया जाता था ताकि दुश्मन की लड़ने की ताकत घट जाए। 1971 की लड़ाई में पाक ने बनाया था निशाना 1971 की लड़ाई में भी पाकिस्तान ने 3 दिसंबर को कश्मीर में अवंतिपुरा से लेकर पंजाब और राजस्थान के एयरवेज पर हमले किए थे। तब पाकिस्तान ने एक साथ इंडियन एयरफोर्स के 12 एयरबेस को निशाना बनाया था और 180 से भी ज्यादा बम गिराए थे। वेस्टर्न एरिया में इंडियन एयरफोर्स के कुछ एयरक्राफ्ट का नुकसान भी हुआ और इंडियन एयरफोर्स ने रातोंरात रनवे को दुरुस्त किया। एयरबेस के रनवे डैमेज हो जाने पर फाइटर जेट्स के उड़ान भरने पर संकट आ जाता है। यही वजह है कि वैकल्पिक रनवे तैयार किए जाने की जरूरत महसूस होती है। भारतमाला परियोजना के तहत देश में उच्च कोटि के हाइवेज और एक्सप्रवेज बनाए जा रहे हैं। उन्हीं में कुल 13 जगहों पर रनवे तैयार किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इन हाइवेज पर बन रहे हैं एयरस्ट्रिप दिल्ली में दिल्ली-मुरादाबाद हाईवे पर, उत्तर प्रदेश में लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर, बिहार में किशनगंज-इस्लामपुर हाईवे पर, झारखंड में जमशेदपुर-बालासोर हाईवे पर, पश्चिम बंगाल में खड़गपुर-क्योंझर हाईवे पर, उत्तराखंड में रामपुर-काठगोदाम हाईवे पर, जम्मू कश्मीर के बिजबेहरा-चिनार बाग हाईवे पर, असम में मोहनबाड़ी-तिनसुकिया हाईवे पर, ओडिशा में छतरपुर-दीघा हाईवे पर, राजस्थान में फलोदी-जैसलमेर हाईवे पर, गुजरात में द्वारका-मालिया हाईवे पर, आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा-राजामुंद्री हाईवे पर और तमिलनाडु में चेन्नै-पुदुचेरी हाइवे पर एयर स्ट्रिप बनाए जा रहे हैं। चीन-पाक से निपटने का मकसद इसका मकसद चीन या पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ने की स्थिति में वायुसेना को अबाध अभियान पर निकलने की वैकल्पिक सुविधाएं मुहैया कराना है। इससे सीमाई इलाकों में कम वक्त में पहुंचना सुनिश्चित हो जाएगा। इस मामले में चीन हमसे बहुत आगे निकल चुका है। वहां सड़कों पर रनवे बनाने का काम बहुत पहले शुरू हो चुका था, इस कारण वहां के एक्सप्रेसवेज पर हजारों रनवेज बन चुके हैं। चीन के अलावा पाकिस्तान, ताइवान, जर्मनी, पोलैंड, फिनलैंड, स्लोवाकिया, स्वीडन, साउथ कोरिया, चेक रिपब्लिक, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर भी अपनी वायुसेना के लिए सड़कों पर रनवे बना रहे हैं। देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे एक्सप्रवेज पर तैयार हो रहे इन रनवेज का बेहद रणनीतिक महत्व है। इनका इस्तेमाल इमर्जेंसी लैंडिंग के लिए किया जाएगा। इसके लिए लगातार अभ्यास भी होता रहेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर तैयार किए गए रनवे पर फाइटर जेट्स के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी उतारे जा सकते हैं। दरअसल, यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है जिसकी कुल लंबाई 341 किमी है। ध्यान रहे कि ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आकार में फाइटर जेट्स के मुकाबले बड़े होते हैं। उनकी लैंडिंग के लिए बड़ी जगह की जरूरत पड़ती है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर तैयार स्ट्रेच 5 किलोमीटर का है जिसमें 3.4 किलोमीटर का इस्तेमाल रनवे के रूप में होगा। इससे पहले, यूपी में दो बार एक्सप्रेसवेज पर एयरफोर्स के विमान उतारे गए हैं। 2016 में दिल्ली-आगरा और 2017 में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस हाइवे पर यह ड्रिल की गई थी। कुछ वक्त पहले ही बाड़मेर में नैशनल हाइवे पर इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप में इंडियन एयरफोर्स के विमान को उतारा गया था। अलग-अलग राज्यों में नैशनल हाइवे पर इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप तैयार की जा रही है। राजस्थान में तीन, आंध्र प्रदेश में दो, गुजरात में दो,पश्चिम बंगाल में तीन, तमिलनाडु में एक, हरियाणा में एक, पंजाब में एक, जम्मू कश्मीर में एक और असम में पांच इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप बन रही हैं।
Source navbharattimes

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