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दिल्ली की सड़कों पर कूड़ा उठातीं करोड़ों की ये मशीनें बड़ी 'कामचोर' हैं! पढ़िए क्यों

नई दिल्ली: जिन मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों के भरोसे दिल्ली में डस्ट पल्यूशन से एमसीडी ने लड़ने का प्लान बनाया है, उन मशीनों की क्षमता पर ही एमसीडी पार्षदों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्षदों का आरोप है कि रोड स्वीपिंग मशीनों से सड़कों से 10 किलो धूल भी साफ नहीं हो पाती। ऐसे में इन मशीनों से डस्ट पल्यूशन से कैसे पार पाया जा सकता है। साउथ एमसीडी में ऐसी 24, नॉर्थ एमसीडी में 18 और ईस्ट एमसीडी में 10 मशीनें हैं। जबकि साउथ एमसीडी अफसरों का तो दावा है कि इन मशीनों से रोजाना करीब 650-700 किलोमीटर तक रोड पर धूल-मिट्टी की सफाई होती है। रणहौला वॉर्ड से कांग्रेस पार्षद सुरेश कुमार की शिकायत है कि साउथ एमसीडी के बेड़े में डस्ट पल्यूशन से लड़ने के लिए 24 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें हैं। सड़कों पर हवा के झोंके के साथ उड़ते धूल-मिट्टी पर पानी छिड़कने के लिए 80 से अधिक स्प्रिंकलर्स भी हैं। लेकिन, जिन रोड स्वीपिंग मशीनों के भरोसे एमसीडी अफसर हर साल सर्दियों में डस्ट पल्यूशन को मात देने का दावा करते हैं, उन मशीनों से सड़कों पर 10 किलो धूल-मिट्टी भी साफ नहीं हो पाती। ऐसे में करोड़ों रुपये की लागत से खरीदी गई इन मशीनों का क्या फायदा है। सभी स्वीपिंग मशीनें केंद्र सरकार से मिले यूडीएफ (अर्बन डिवेलपमेंट फंड) से खरीदे गए हैं, लेकिन इनकी उपयोगिता ना के बराबर है। पार्षद ने इस संबंध में 26 अक्टूबर को हुई स्टैंडिंग कमिटी मीटिंग में अफसरों से सवाल भी पूछा था। उन्होंने पूछा कि अगर इन मशीनों से धूल-मिट्टी की सफाई होती है, तो बताएं कि कहां-कहां मिट्टी को डंप किया जाता है। वहीं, अफसरों ने रिपोर्ट दी है कि साउथ जोन में पिछले एक हफ्ते के दौरान 54 जगहों पर मिट्टी डंप किया गया। इसी तरह से सेंट्रल जोन में 73, वेस्ट जोन में 46 और नजफगढ़ जोन में 54 जगहों पर मिट्टी डंप करने के लिए स्थान निर्धारित किया गया है। इन सभी डंपिंग एरिया में हालांकि एक मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन से कितनी मिट्टी गिराई जाती है, उसका कोई ब्यौरा अफसरों ने नहीं दिया है।
Source navbharattimes

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