जलवायु परिवर्तन के मसले पर एक बड़ी जुटान हो रही है ग्लासगो में। COP26 यानी ट्वेंटी सिक्स्थ कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज में दुनिया के 100 से ज्यादा बड़े नेता पहुंचे हैं। 31 अक्टूबर से शुरू हुई चर्चा दो हफ्तों तक चलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी अपनी बात रखेंगे। ऐसा नहीं है कि मौसम से जुड़े मसले पर पहली बार ऐसी हलचल दिख रही है। 1997 में क्योटो, 2009 में कोपेनहेगन और 2015 में पैरिस में इसी तरह के सम्मेलन हुए थे। मैं भी इनमें से दो में शामिल हुआ। खूब बातें हुईं, लेकिन नतीजा कुछ खास नहीं निकला। दुर्भाग्य की बात यह है कि ग्लासगो का आयोजन भी उसी दिशा में जाता दिख रहा है। Source navbharattimes
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