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COP26 में दिख रहा पीएम मोदी का 'ग्‍लोबल लीडर' अवतार

नई दिल्‍ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 'COP26' में विकासशील देशों की जमकर वकालत की। दुनियाभर के नेताओं के सामने पीएम मोदी ने कहा कि भारत विकासशील देशों की पीड़ा समझता है। मोदी ने विकसित देशों को उनकी जिम्‍मेदारियां याद दिलाईं और कहा कि उन्‍हें अपना वादा पूरा करना चाहिए। मोदी ने जिस तरह से वैश्विक मंच पर सामूहिक जवाबदेही की बात करते हुए घोषणाएं कीं, उससे लगता है कि वह ग्‍लोबल लीडर की भूमिका में आ रहे हैं। विकासशील देशों का दर्द समझते हैं: मोदीCOP26 में पीएम मोदी ने कहा कि भारत साहस और महत्वाकांक्षा के साथ जलवायु के विषय पर आगे बढ़ रहा है और वह अन्य विकासशील देशों की पीड़ा को समझता है। उन्होंने कहा, 'भारत अन्य विकासशील देशों की पीड़ा को समझता है और साझा करता है तथा लगातार उनकी उम्मीदों को लेकर मुखर रहा है। कई विकासशील देशों के लिए जलवायु परिवर्तन उनके समक्ष खड़ा बहुत बड़ा संकट है। उनमें से कई के अस्तित्व पर यह खतरा है। आज हमें दुनिया को बचाने के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत है। यह समय की मांग है।' विकसित देशों को नसीहत दे गए मोदीप्रधानमंत्री ने विकसित देशों को 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में किया गया वादा याद दिलाया। उन्‍होंने कहा कि विकसित देशों को जलवायु वित्तपोषण के लिए एक हजार अरब डॉलर देने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी निगरानी उसी तरह की जानी चाहिए जैसा जलवायु शमन की होती है। मोदी ने कहा, 'भारत उम्मीद करता है कि विकसित देश यथाशीघ्र जलवायु वित्तपोषण के लिए एक हजार अरब डॉलर उपलब्ध कराएंगे। जैसा हम जलवायु शमन की निगरानी करते हैं, हमे जलवायु वित्तपोषण की भी उसी तरह निगरानी करनी चाहिए। वास्तव में न्याय तभी मिलेगा जब उन देशों पर दबाव बनाया जाएगा जो जलवायु वित्तपोषण के अपने वादों को पूरा नहीं कर रहे हैं।' अपने इरादे साफ जाहिर कर गए पीएमपीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन को लेकर अपनी सरकार के इरादे साफ कर दिए। उन्‍होंने कहा कि भारत वर्ष 2070 में कुल शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो) का लक्ष्य प्राप्त करेगा। उन्‍होंने कहा, 'पूरी दुनिया स्वीकार करती है कि भारत ही एक मात्र दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था है जो पेरिस प्रतिबद्धता का उसकी ‘भावना के साथ अक्षरश’ अनुपालन कर रहा है। हम पुरजोर तरीके से हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इसके नतीजे दिखाएंगे।'
Source navbharattimes

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