DIGITELNEWS पर पढ़ें हिंदी समाचार देश और दुनिया से,जाने व्यापार,बॉलीवुड समाचार ,खेल,टेक खबरेंऔर राजनीति के हर अपडेट

 

ऑडिट करवा दें? पब्लिसिटी पर तो खूब खर्च करते हैं... SC ने दिल्ली सरकार को प्रदूषण पर लगाई फटकार

नई दिल्‍ली वायु प्रदूषण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान जब दिल्‍ली के वकील विकास मेहरा ने एमसीडी का जिक्र किया तो बेंच ने नाराजगी जताई। अदालत ने पूछा कि क्‍या आप नगर निगमों पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं? अदालत ने कहा कि 'अगर आप ऐसा करेंगे तो हम आपके समूचे राजस्‍व के ऑडिट का आदेश दे देंगे। आप लोकप्रियता भरे नारों पर इतना खर्च कर रहे हैं।' जब मेहरा ने स्‍पेशल सेक्रेटरी से निर्देश लेकर लौटने की बात कही तो अदालत और बिफर गई। सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि हमने सोचा था कि कार्यकालिका चर्चा के बाद किसी हाल के साथ लौटेगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है। MCD मेयर से हलफनामा चाहती थी दिल्‍ली सरकारदरअसल, दिल्‍ली सरकार ने एक हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह लॉकडाउन के लिए तैयार है। इसी दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान सिर्फ 10% है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिर ये हायतौबा क्‍यों है। कोर्ट ने कहा कि जब पराली वजह नहीं है तो बाकी जो समस्‍याएं हैं, उन्‍हें ठीक करने के लिए कदम उठाइए। दिल्‍ली सरकार के वकील ने कहा कि इसमें एमसीडी की भी अहम भूमिका है, ऐसे में मेयर को भी हलफनामा दायर करने के लिए कह सकते हैं। दिल्‍ली सरकार की यह बात सुनकर अदालत ने फटकार लगा दी। 'ऐसे बहानों से हम मजबूर हो जाएंगे' बेंच ने दिल्‍ली सरकार के वकील को फटकारते हुए कहा कि आप फिर जिम्मेदारी एमसीडी पर डालने की कोशिश कर रहे हैं। सख्‍त लहजे में अदालत ने कहा कि आपकी इस तरह की बहानेबाजी से हम बाध्य हो जाएंगे कि आपके प्रदूषण के लिए फंड और उसके स्लोगन पर खर्च पर ऑडिट कराने की बात सोचें। सुप्रीम कोर्ट ने निराशा जताते हुए कहा कि 'जिस तरह से कार्यपालिका से उम्मीद की जाती है कि वह बात करेंगे और सामने वैसे नहीं आते, ये दुर्भाग्‍यपूर्ण है।' आपात बैठक बुलाएं, SC ने केंद्र और राज्‍यों से कहासुनवाई 17 नवंबर के लिए स्थगित हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनसीआर क्षेत्र के राज्यों से इस बीच कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार करने को कहा। केंद्र की कल होने वाली आपात बैठक में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मुख्य सचिवों को भी मौजूद रहने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कल शाम तक जवाब मांगा है कि किन उद्योगों को रोका जा सकता है, किन वाहनों को चलने से रोका जा सकता है और किन बिजली संयंत्रों को रोका जा सकता है और आप तब तक वैकल्पिक बिजली कैसे उपलब्ध करा सकते हैं।
Source navbharattimes

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ