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देश का संविधान बनाने में शामिल रहीं उन 15 महिलाओं के बारे में क्या जानते हैं आप?

नई दिल्ली (Rajya Sabha) में मंगलवार को एक मनोनीत सदस्य ने संविधान सभा (Constituent Assembley) में शामिल 15 महिलाओं के योगदान का जिक्र करते हुए सरकार से मांग की कि, जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में स्वतंत्रता आंदोलन, सामाजिक सुधार और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में इन महिलाओं के योगदान पर सम्मेलन, गोष्ठियों का आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, नई पीढ़ी को इनके बारे में जानकारी मिल सकेगी। शून्यकाल के दौरान, मनोनीत सदस्य राकेश सिन्हा (MP Rakesh Sinha) ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा ''हंसा मेहता के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र के यूनिवर्सल राइट डिक्लेरेशन (Universal Right Declaration) में परिवर्तन किया गया था। स्वतंत्रता सेनानी लीला रे छह साल जेल में रहीं।'' संविधान सभा में शामिल थीं ये 15 महिलाएं मालती चौधरी, कमला चौधरी, विजय लक्ष्मी पंडित, अम्मू कुट्टी स्वामीनाथन, पूर्णिया बनर्जी, दुर्गा बाई देशमुख, सुचेता कृपलानी ये सभी नाम महत्वपूर्ण हैं। राजकुमारी अमृत कौर दस साल तक स्वास्थ्य मंत्री रहीं और अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान की स्थापना में उनकी अहम भूमिका थी।'' 'स्वतंत्रता संग्राम और राजनीति में रही अहम भूमिका' उन्होंने कहा कि, विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जिसकी थीं। उन्होंने कहा ''भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। ऐसे में इन 15 महिलाओं के, स्वतंत्रता आंदोलन, सामाजिक सुधार और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में योगदान पर सम्मेलन, गोष्ठियों का आयोजन किया जाना चाहिए। दुनिया को पता चलना चाहिए कि, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में और राजनीति में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। नयी पीढ़ी को भी इसके बारे में पता चलना चाहिए।'' सभापति वेंकैया नायडू ने भी सराहा सभापति एम वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने इसे एक बेहतरीन सुझाव बताते हुए कहा कि, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने कहा कि, वह इस मुद्दे को संबद्ध मंत्री के संज्ञान में लाएंगे।
Source navbharattimes

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