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38 देशों में फैला पर... घबराएं नहीं, तेजी से फैल रहे ओमीक्रॉन पर राहत दे रही हैं ये 5 बड़ी खबरें

नई दिल्लीदक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन से पूरी दुनिया खौफ में है। ओमीक्रोन वेरिएंट विश्व स्तर पर फैलता जा रहा है और नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है। ओमीक्रोन को लेकर लोग काफी चिंतित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों को स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और अपने लोगों को वैक्सीनेशन पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। इस बीच ओमीक्रोन वेरिएंट पर पांच ऐसी खबरें हैं जो लोगों को राहत दे रही हैं।

कोरोना महामारी के दौर के बाद कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जान सकता कि किसी विशेष घटना के बाद जीवन कब सामान्य हो जाएगा। कम से कम इसलिए नहीं कि जो सामान्य है वह बदलता रहता है, यहां तक कि सामान्य समय में भी। फिर भी, यह एक ऐसा प्रश्न है जिसके बारे में कोई कुछ नहीं बता सकता - खासकर कोविड से जुड़े नये घटनाक्रम के बाद, जैसे कि ओमिक्रोन संस्करण का उभरना, महामारी के बारे में धारणाओं और भविष्यवाणियों का बदलना जारी है।


घबराएं नहीं, तेजी से फैल रहे ओमीक्रॉन वायरस पर राहत दे रही हैं ये 5 बड़ी खबरें

नई दिल्ली

दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन से पूरी दुनिया खौफ में है। ओमीक्रोन वेरिएंट विश्व स्तर पर फैलता जा रहा है और नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है। ओमीक्रोन को लेकर लोग काफी चिंतित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों को स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और अपने लोगों को वैक्सीनेशन पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। इस बीच ओमीक्रोन वेरिएंट पर पांच ऐसी खबरें हैं जो लोगों को राहत दे रही हैं।



​38 देशों में फैला लेकिन अभी तक एक भी मौत नहीं
​38 देशों में फैला लेकिन अभी तक एक भी मौत नहीं

कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रोन दुनिया के 38 देशों में फैल चुका है। हालांकि, राहत की बात है कि अभी तक इस संक्रमण से किसी के भी मरने की खबर नहीं है। इस बीमारी के अभी तक कोई गंभीर लक्षण भी नहीं दिखाई दिए हैं। ऐसे में ओमीक्रोन को लेकर कोई खौफ या पैनिक में आने की स्थिति नहीं है। हालांकि, कोरोना नियमों का पूरी तरह से पालन करना जरूरी है। इसमें मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है।



​अब तक के अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक गंभीर नहीं
​अब तक के अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक गंभीर नहीं

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि है अभी तक ऐसा कोई फैक्ट नहीं मिला है जिसके आधार पर यह कहा जाए कि कोविड -19 का ओमीक्रोन वेरिएंट और इससे जुड़े लक्षण अन्य वेरिएंट की तुलना में अलग या अधिक गंभीर हैं। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) के हवाले से चैनल न्यूज एशिया ने बताया कि ओमाइक्रोन पर अधिक डेटा और आगे के स्टडी की आवश्यकता है। वहीं, ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमित दो और लोगों ने सिंगापुर से मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की।



​ओमीक्रोन से अधिक संक्रमण वैक्सीन नहीं लेने वालों में
​ओमीक्रोन से अधिक संक्रमण वैक्सीन नहीं लेने वालों में

ओमीक्रोन वेरिएंट का पता लगाने वाले बोत्सवाना के साइंटिस्ट और वायरोलॉजिस्ट डॉ. एस मोयो का कहना है कि अब तक, अधिकांश मामले उन लोगों में सामने आए हैं जिन्होंने वैक्सीनेशन नहीं करवाया है। मोयो ने कहा, "मुझे जो डेटा दिखाई दे रहा है, उससे मुझे बहुत उम्मीद है कि वैक्सीन ले चुके लोगों को बहुत सुरक्षा मिलनी चाहिए। डॉ. मोयो ने कहा कि हमें अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करना चाहिए। बोत्सवाना में जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद ओमीक्रोन मामलों की संख्या 19 हो गई है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका में 200 से अधिक केस सामने आए हैं।



​भारत में गंभीरता कम रहने की उम्मीद
​भारत में गंभीरता कम रहने की उम्मीद

दक्षिण अफ्रीका के बाहर के देशों से ओमीक्रोन के मामलों का सामने आना बढ़ता जा रहा है। इसके भारत सहित अधिक देशों में फैलने की आशंका है। हालांकि, मामले किस स्तर पर बढ़ेंगे और रोग की गंभीरता क्या होगी, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। भारत में वैक्सीनेशन की तेज गति और डेल्टा के प्रभाव को देखते हुए इस वेरिएंट की गंभीरता कम रहने की उम्मीद है। हालांकि, वैज्ञानिक सबूत अब तक नहीं आए हैं।



​भारत में डॉक्टर ने ओमीक्रोन को दी मात
​भारत में डॉक्टर ने ओमीक्रोन को दी मात

देश में ओमीक्रॉन से संक्रमित दो लोगों में एस बेंगलुरु के 46 वर्षीय डॉक्टर भी हैं। डॉक्‍टर ने हमारे सहयोगी 'टाइम्‍स ऑफ इंडिया' को बताया कि उनके लक्षणों में शरीर में दर्द, ठंड लगना और हल्का बुखार शामिल रहे। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि उन्‍हें सांस लेने में कोई परेशानी पेश नहीं आई। उनका ऑक्सिजन सैचुरेशन लेवल भी सामान्‍य रहा। HRCT स्‍कैन ने दिखाया कि फेफड़ों में ज्‍यादा बदलाव नहीं है, जो कि कोविड मरीज में 3-4 दिन के इन्‍फेक्‍शन पर सामान्‍य है। अब वह पूरी तरह से ठीक हैं लेकिन उन्हें अभी आइसोलेशन में रखा गया है।



Source navbharattimes

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