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देश की सुरक्षा से ज्यादा तरजीह पर्यावरण को दिया जाना चाहिए? जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

नई दिल्ली चार धाम हाइवे प्रोजेक्ट को डबल करने की सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने सड़क चौड़ा करने की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने रक्षा मंत्रालय की उस अर्जी को स्वीकार कर लिया जिसमें उत्तराखंड के 899 किलोमीटर लंबे चार धाम हाइवे प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर चौड़ीकरण की इजाजत मांगी थी। सैन्य बलों की जरूरतों का ज्यूडिशियल रिव्यू नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्म्ड फोर्स के इंफ्रास्ट्रक्चर की जररूत का ज्यूडिशियल रिव्यू नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रोजेक्ट को मॉनिटर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस एके सिकरी की अगुवाई में एक कमिटी का भी गठन किया है। उत्तराखंड के चार धाम प्रोजेक्ट 12 हजार करोड़ का है और इससे यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जोड़े जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर 2020 के आदेश में बदलाव किया है। इस प्रोजेक्ट को देखने के लिए एक हाई पावर कमिटी का गठन किया गया था और हाई पावर कमिटी की सिफारिश के अनुपालन को कहा गया। केंद्र ने अदालत से लगाई थी गुहार 8 सितंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने उस गुहार को ठुकरा दिया था जिसमें उत्तराखंड के चारधाम सड़क परियोजना के तहत पहाड़ी इलाकों में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह सड़क व परिवहन व राजमार्ग मिनिस्ट्री के पहले के सर्कुलर के तहत काम करें। 2018 में मिनिस्ट्री ने सड़क के कंस्ट्रक्शन से संबंधित सर्कुलर जारी किया था। उस सर्कुलर में सड़कों की चौड़ाई ज्यादा से ज्यादा 5.5 मीटर तय की गई थी। सरकार ने कहा था कि परियोजना के तहत चीन से जुड़ा सीमा का इलाका भी है। ऐसे में सड़क की चौड़ाई सात मीटर किए जाने की इजाजत होनी चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने मांग ठुकरा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाई पावर कमिटी को दिया था यह आदेश दो दिसंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने चार धाम परियोजना की निगरानी वाली हाई पावर कमिटी से कहा था था कि वह डिफेंस मिनिस्ट्री द्वारा भारत चीन बॉर्डर इलाके के पास के सड़कों को चौड़ा करने की मांग पर विचार करे। डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा था कि भारत चीन सीमा पर मौजूदा जो स्थिति है, उसको देखते हुए सड़क की जो मौजूदा चौड़ाई तय है उसे 5.5 मीटर से बढ़ाकर 7 मीटर किया जाना चाहिए। 18 जनवरी को केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने चार धाम परियोजना के लिए 10 मीटर की सड़क की चौड़ाई का समर्थन करने वाली हाई पावर कमिट के बहुमत के राय को मंजूर करने की गुहार लगाई थी। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मिनिस्ट्री ने चार धाम परियोजना के लिए 10 मीटर सड़क की चौड़ाई का समर्थन करने वाली हाई पावर कमिटी की सिफारिश का समर्थन किया ता। केंद्र ने कहा था कि कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिटी के 26 में से 21 मेंबरों द्वारा आर्मी के भारत चीन सीमा पर आने जाने के मद्देनजर रास्ता चौड़ा करने पर सहमति दी है। भारत-चीन विवाद पर भी SC ने किया विचार मामले की सुनवाई के दौरान 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि यह सवाल विचार योग्य है कि एक संवैधानिक कोर्ट देश की सुरक्षा को प्रभाव डालने वाले मामलों में पर्यावरण संबंधित मसलों के आधार पर कितना दखल दे सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्या सेना की जरूरत के मुताबिक रणनीतिक बुनियादी स्ट्रक्चर के विकास के रास्ते में संवैधानिक अदालत को आना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट में चार धाम परियोजना के तहत इंडिया चीन सीमा के पास सड़कों के चौड़ीकरण से संबंधित मामले में सुनवाई के दौरान उक्त टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाल के भारत-चीन सीमा विवाद की ओर संकेत देते हुए ये बातें कही थी। एक एनजीओ ने दाखिल की है याचिका सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सवाल है कि क्या हम यह कह सकते हैं कि देश की सुरक्षा से ज्यादा तरजीह पर्यावरण को दिया जाना चाहिए? केंद्र सरकार ने अपने जवाब में सड़क परियोजना के चौड़ीकरण का कारण राष्ट्रीय सुरक्षा बताया था। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि ऊंचाई पर राष्ट्रीय सुरक्षा दांव पर लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट में एक एनजीओ की ओर से अर्जी दाखिल कर सड़क को चौड़ा करने के लिए स्टेज वन और वाइल्ड लाइफ मंजूरी के खिलाफ अपील की गई। याचिका में कहा गया था कि इस परियोजना के कारण बड़ी संख्या में पेड़ की कटाई होगी और पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सराकर ने कहा था कि इस परियोजना का लाभ सुरक्षा के मद्देनजर भी है। कहा गया है कि भारत चीन सीमा पर आर्म्ड फोर्स की तैनाती में और वाहनों की आवाजाही में सहूलियत होगी। केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि सेना के सदस्यों को ले जाने और सामानों के ट्रांसपोर्टेशन में एक तय सीमा की चौड़ाई की सड़कों की जरूरत है। सेना के आवाजाही के लिए भी यह जरूरी है।
Source navbharattimes

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