DIGITELNEWS पर पढ़ें हिंदी समाचार देश और दुनिया से,जाने व्यापार,बॉलीवुड समाचार ,खेल,टेक खबरेंऔर राजनीति के हर अपडेट

 

भारत में हर्ड इम्युनिटी को मात दे पाएगा ओमीक्रोन, जानिए विशेषज्ञों की राय

नई दिल्ली/नागपुर देश में कोरोना वायरस (Covid-19) के नए रूप ओमीक्रोन (Corona New Variant Omicron)के बढ़ते मामलों ने जहां चिंता बढ़ा दी है वहीं, हर्ड इम्युनिटी (Heard Immunity) को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि कई विशेषज्ञ ये दावा कर रहे हैं हर्ड इम्युनिटी के कारण देश में ओमीक्रोन का असर कम होगा। हालांकि, इसपर विशेषज्ञों के बीच भी मतभेद हैं। अभी ओमीक्रोन वेरिएंट के लक्षण और असर को लेकर भी पूरी रिसर्च नहीं आ पाई है। हर्ड इम्युनिटी से मिलेगी ओमीक्रोन को मात? कई विशेषज्ञ हर्ड इम्युनिटी का जिक्र कर कह रहे हैं कि ओमीक्रोन का असर कम होगा। कुछ तो यहां भी दावा कर रहे हैं कि डेल्टा वायरस के कारण बनी इम्युनिटी को यह वायरस बाईपास नहीं कर पाएगा। हर्ड इम्युनिटी पर उठ रहे सवाल! नागपुर के गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) के कम्युनिटी मेडिसिन के हेड डॉ उदय नार्लेवार (Dr Uday Narlawar) ने कहा कि स्थानीय लोगों में बनी एंटीबॉडी ओमीक्रोन वेरिएंट के एंटीजेनिक को मात शायद ही दे पाए। ऐसे में हर्ड इम्युनिटी पर असर होगा। उन्होंने कहा, 'कोरोना महामारी पर राष्ट्रीय स्तर या स्थानीय स्तर के सर्वे के अनुसार, लोगों में हर्ड इम्युनिटी बन तो गई है लेकिन अगर ओमीक्रोन अपना एंटीजेनिक स्ट्रक्चर बदल लेता है तो ऐसी स्थिति में यह बिल्कुल ही नया वायरस हो जाएगा।' उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में 70-80 फीसदी आबादी के इसकी चपेट में आने की आशंका हो जाएगी। डॉ नार्लेवर ने कहा कि वैक्सीन, मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेसिंग के जरिए ही इस नए वायरस से निपटा जा सकता है। डेल्टा के कारण ओमीक्रोन का असर होगा कम! एनकेपी साल्वे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च के डॉक्टर डॉ मोहन जोशी ने कहा कि कोरोना के डेल्टा और डेल्टा प्लस रूप के कारण हमें ओमीक्रोन से आसानी से निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले सीरोसर्विलांस स्टडी में पता चला था कि बिना वैक्सीनेशन के भी 0-18 साल उम्र वाले 90 फीसदी आबादी में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली थी। यह हर्ड इम्युनिटी की तरफ इशारा कर रही है क्योंकि वयस्क आबादी में बड़े पैमाने पर टीकाकरण हो चुका है। ओमीक्रोन के कारण कैसे होंगे लक्षण? इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉ अशोक जाधो ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी की भूमिका सवालों के घेरे में है क्योंकि दोनों वैक्सीन ले चुके लोगों को भी कोरोना हुआ है। हां, ये जरूर था कि वायरस का असर उनपर कम था। डॉ जाधो ने बताया कि ओमीक्रोन के कारण हल्का इंफेक्शन हो सकता है और उसी के अनुसार शरीर में एंटीबॉडी बन सकती है। इसके बाद बड़ी आबादी इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी हासिल कर लेगी।
Source navbharattimes

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ