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Opinion : 'CDS के अंतिम संस्कार के वक्त प्रियंका ने किया डांस', BJP के इशारे में कितना दम?

नई दिल्लीसीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत के अलावा 11 फौजियों के हेलिकॉप्टर हादसे में निधन से पूरा देश सदमे में है। हालांकि, कुछ ऐसी बातें भी हुईं जिसने हादसे से मिले जख्म को ना केवल गहरा कर दिया बल्कि इस पर नमक भी छिड़क दिया। कई लोगों ने सीडीएस के निधन पर खुशी का इजहार किया तो किसी ने इसे नैसर्गिक न्याय बताया। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस को भी उसी समूह में शामिल करने की कोशिश की है जिसने देश को झकझोरने वाली इस घटना पर शोक जाहिर करने के बजाय खुशी जताकर बेशर्मी दिखाई। प्रियंका के डांस पर बीजेपी को आपत्ति दरअसल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को गोवा में आदिवासी महिलाओं के साथ डांस किया। बीजेपी का कहना है कि जब पूरा देश अपने जनरल रावत और उनकी पत्नी को नम आंखों से अंतिम विदाई दे रहा था तो प्रियंका डांस कर रही थीं जो शर्मनाक है। पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने प्रियंका का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रियंका भी भाई राहुल गांधी की तरह उस वक्त डांस कर रही थीं जब सीडीएस जनरल बिपिन रावत का अंतिम संस्कार हो रहा था। राहुल भी 26/11 हमले के कठिन वक्त में पार्टी कर रहे थे। अब जब पूरा देश आंसुओं के दुखों के समंदर में डूबा हुआ था तो प्रियंका गोवा में नाच रही थीं। राहुल गांधी पर भी गंभीर आरोप मढ़ चुकी है बीजेपी ध्यान रहे कि महाराष्ट्र बीजेपी के दिग्गज नेता राम कदम ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी 26/11 के मुंबई हमले के वक्त विदेश में पार्टी कर रहे थे जब पूरे देश की सांसें थमी हुई थीं। 2008 में पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों के एक दल ने मुंबई में होटल से लेकर रेलवे स्टेशन तक पर कई जगहों पर कत्लेआम मचाया था। उस घटना में कुछ विदेशियों समेत 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे। तब तीन दिनों तक देश ही नहीं पूरी दुनिया हैरान-परेशान रही थी। बीजेपी नेता राम कदम का आरोप है कि उस वक्त राहुल गांधी बेफिक्र होकर विदेश में पार्टी कर रहे थे जिससे जाहिर होता है कि उन्हें न देश से लगाव है और ना यहां के आम जनमानस की भावनाओं का कद्र। अमित मालवीय ने राम कदम के इसी आरोप का हवाला देकर प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। कांग्रेस इकाई के ट्वीट पर सवाल तमिलनाडु में नीलगिरी के जंगलों में 8 दिसंबर को हुए हेलिकॉप्टर हादसे पर मधेपुरा यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से भी आपत्तिजनक ट्वीट किया गया था जिसकी खूब भर्त्सना हुई। मधेपुरा, बिहार का एक जिला है जहां से शरद यादव और पप्पू यादव जैसे नेता सांसद रह चुके हैं। बहरहाल, इस बात को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है कि इसने कांग्रेस की छवि कलंकित की है। सीडीएस के निधन पर खुश होने वाले ये कौन हैं? बात सिर्फ कांग्रेस के किसी नेता और उसकी किसी इकाई तक सीमित नहीं है। हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर देश को सदमे में डालने वाली प्रतिक्रियाएं देने वाले अन्य लोगों की छानबीन करें तो अच्छी तरह स्पष्ट हो जाता है कि वो भी कहीं ना कहीं कांग्रेस से सहानुभूति रखते हैं। सीडीएस के आकस्मिक निधन को नैसर्गिक न्याय बताने वाले फौज के अधिकारी हों या फिर पत्रकार या कोई और, सबमें एक बात समान है- वो कांग्रेस को अपने दिलों के जितने करीब पाते हैं, उनकी बीजेपी और पीएम मोदी से घृणा का स्तर भी उतना ही अधिक है। रिटायर्ट फौजियों का घृणित चेहरा आया सामने फौज से रिटायर्ड कर्नल बलजीत बख्शी ने सीडीएस के हादसे में निधन को उनके कर्मों का फल बताया। उनके ट्विटर हैंडल को खंगालें तो समझने में देर नहीं लगेगी कि उनमें कांग्रेस के प्रति कितनी सहानुभूति है। एक यूजर ने लिखा भी कि बलजीत बख्शी ने सीडीएस बिपिन रावत से सिर्फ इसलिए खुन्नस पाल रखी थी क्योंकि उन्होंने मोदी सरकार के अधीन सेवा दी थी। मोदी से नफरत करते-करते लोग देश और देश की सेना से भी नफरत करने लगे। बीजेपी ही नहीं, आम लोग भी सीडीएस के निधन पर बेशर्मी की सारी हदें पार कर देने वालों की पहचान कांग्रेस के करीबियों के रूप में कर रहे हैं। विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने जब सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर 'खेल खत्म, खेल खत्म, जय हिंद' लिखा तो एक यूजर ने उन पर कांग्रेस परिवार का चाटुकार बता दिया। जहां तक बात पीएम मोदी से नफरत की है तो इसका सबूत खुद अनुमा के एक ट्वीट से ही मिल रहा है। पूर्व आर्मी ऑफिसर और अब रक्षा विशेषज्ञ के तौर पर विभिन्न अखबारों में लेख लिखने वाले और टीवी चैनलों पर राय रखने वाले अजय शुक्ल का भी कुछ यही हाल है। उन्होंने हेलिकॉप्टर हादसे के बाद ट्विटर पर एक तस्वीर के साथ 'यमी' (स्वादिष्ट) लिखा तो महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उन्हें आईना दिखाया। शर्मा ने उनसे पूछा, 'क्या आप सच में आर्मी में अधिकारी रह चुके हैं?' ऐसे पूर्व फौजियों की लिस्ट में लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) अनिल दुहून का नाम भी शामिल है। उन्होंने ही इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे को न्यायोचित ठहराते हुए लिखा कि कर्म हमेशा बदला लेता है। बाजवा ने जताया दुख, लेकिन अपने फौजियों ने...! कितनी अजीब बात है कि दुश्मन देश की छवि वाले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की तरफ से हेलिकॉप्टर हादसे पर दुख जताया गया, लेकिन हमारे रिटायर्ड फौजियों ने इस पर खुशी जाहिर की! कौन ऐसा देशप्रेमी होगा जिसका कलेजा मधेपुरा यूथ कांग्रेस का ट्वीट देखकर छलनी नहीं हो गया हो? राष्ट्रीय संकट पर खुशी का इजहार या तरह-तरह की बहानेबाजी से देश के गम में शामिल नहीं होने की प्रवृत्ति पर सवाल तो उठेंगे। ये सवाल तो पूछे जाएंगे यह अलग बात है कि विरोधी दल भी हमले का बहाना ढूंढते रहते हैं। बीजेपी को भी प्रियंका के डांस में बहाना मिल गया, लेकिन सवाल यह है कि क्या भारत की आम जनता को भी सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी के अंतिम संस्कार के वक्त प्रियंका के चेहरे से छलकती खुशी अच्छी लगेगी? सवाल यह भी कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत में लाख खामियां होंगी, फिर भी क्या किसी पूर्व फौजी या किसी और को पूरे देश की भावना पर अपने व्यक्तिगत खुन्नस को तवज्जो देना चाहिए था? क्या ऐसा करके उन सभी ने अपना कद छोटा नहीं कर लिया? क्या उन्होंने भारत के दुश्मनों के चेहरे पर मुस्कान लाने का मौका नहीं दे दिया? सवाल अंतहीन हो सकते हैं।
Source navbharattimes

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