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राजेश्वर सिंह की जीत के लिए BJP ने रचा 'चक्रव्यूह', सपा-बसपा के लिए काट ढूंढना मुश्किल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव () के पहले चरण के लिए वोटिंग होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। अब भी नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। वहीं राजधानी लखनऊ में हाई प्रोफाइल और हॉट सीट बन चुकी सरोजनी नगर पर सियासी लामबंदी तेज हो गई है। बीजेपी सरोजनी नगर विधानसभा सीट (Sarojini Nagar Assembly Constituency) से प्रत्याशी राजेश्वर सिंह () की जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसके लिए उसने चक्रव्यूह रचना शुरु कर दिया है। दरअसल की सबसे वीआईपी सीट बन चुकी है। यहां से पूर्व आईएएस के बेटे और अखिलेश के ख़ास अभिषेक मिश्रा ( ) सपा से तो बीजेपी ने हाल ही में ईडी छोड़कर आए पूर्व आईपीएस रणबहादुर सिंह के बेटे राजेश्वर सिंह को मैदान में उतार दिया है। बीजेपी राजेश्वर सिंह की जीते के लिए हर दांव चल रही है, इसकी एक वजह मौजूदा सीट से विधायक और मंत्री स्वाति सिंह के टिकट का कटना भी बताया जा रहा है। दोनों धुर विरोधी भाजपा में हुए शामिल दरअसल सरोजनीनगर सीट पर समाजवादी पार्टी की मुश्किल बढ़ाते हुए शिव शंकर सिंह शंकरी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इससे पहले सपा की 2012 की सरकार में मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ल ने भी भाजपा की सदस्यता लेकर सपा को एक बड़ा झटका दिया था। अब 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में सरोजनीनगर से एक दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले शारदा प्रताप शुक्ल और शिवशंकर सिंह शंकरी में भाजपा के साथ आ गए हैं। बीजेपी को होगा फायदा सरोजनीनगर विधानसभा सीट से शिवशंकर सिंह शंकरी ने 2012 और 2017 का विधानसभा चुनाव बसपा से ल़ड़ा था। हालांकि शंकरी दोनों ही विधानसभा चुनाव में हार गए थे। वहीं 2017 के विधानसभा में अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके शारदा प्रताप शुक्ल ने भी निर्दलीय लड़ते हुए चार हजार वोट हासिल किए था। हालांकि वर्ष 2017 के चुनाव के बाद शंकरी ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली थी। अब दोनों ने ही बीजेपी में शमिल होकर ताकत बढ़ा दी है। समाजवादी पार्टी ने खेला है ब्राहमण कार्ड सपा ने पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र को ब्राहमण कार्ड खेलते हुए प्रत्याशी बना दिया। सपा अध्यक्ष प्रो. अभिषेक मिश्र को सरोजनीनगर से उतारने का मतलब है कि पार्टी किसी भी स्थिति में इस सीट पर पार्टी को कमजोर नहीं दिखाना चाहती है। प्रो. अभिषेक मिश्र इससे पहले लखनऊ की उत्तर विधानसभा सीट से 2012 के विधानसभा चुनाव सपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। अभिषेक मिश्र लखनऊ से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। कौन हैं राजेश्वर सिंह राजेश्वर सिंह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट होने के साथ ही अपने आईपीएस, आईएएस खानदान के लिए लिए भी काफी चर्चा में रहते हैं। 2007 में राजेश्वर सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर ईडी में गए। ईडी में जाने के बाद ईडी कैडर में ही समाहित होने की उनकी कानूनी लड़ाई के साथ कई विवाद जुड़ गए। देश के अहम घोटालों और मामलों की जांच संभालने के चलते वह पूरे देश की नजर में आ गए। दिल्ली मुख्यालय में रहने के दौरान उन्होंने 2जी घोटाला, जगन रेड्डी केस, कोलगेट केस, कॉमनवेल्थ गेम घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील केस, ओपी चौटाला जैसे हाई प्रोफाइल मामलों की जांच की। वर्ष 2009 में झारखंड के तत्कालीन सीएम समेत आठ मंत्रियों को चार हजार करोड़ के घोटाले में गिरफ्तार किया।
Source navbharattimes

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