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पंजाब चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को फरलो, हाई कोर्ट का हरियाणा सरकार को नोटिस

चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो दिए जाने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका को स्वीकार करते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार को राम रहीम से संबंधित सभी दस्तावेज अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम हत्या और यौन शोषण मामले में आजीवन कारावास और 20 साल की सजा काट रहा है। हरियाणा सरकार ने राम रहीम को हाल ही में 21 दिन की फरलो दी है। मामले में पंजाब में समाना निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार परमजीत सिंह सोहाली ने हाई कोर्ट में में याचिका दायर की है। याचिका में दलील दी गई है कि डेरा प्रमुख को फरलो ऐसे समय में दी गई जब 20 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पंजाब में शांति भंग होने का डर है। याचिका के अनुसार, डेरा प्रमुख पंजाब के कुछ क्षेत्रों में प्रभाव का दावा कर करता रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि डेरा प्रमुख की रिहाई से राज्य के विधानसभा चुनावों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। याचिका में दी गई यह दलील याचिकाकर्ता ने हरियाणा सरकार के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसके तहत डेरा प्रमुख को फरलो दी गई है, क्योंकि यह फरलो केवल विशेष रूप से पंजाब में राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दी गई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, 8 फरवरी को उसने फरलो रद्द करने के लिए हरियाणा सरकार को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में यह भी दलील दी गई कि रेप और हत्या के दो मामलों में दोषी होने के नाते, उसे हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स अधिनियम में निहित प्रावधानों के अनुसार फरलो पाने का कोई वैध अधिकार नहीं है। हाई कोर्ट ने मांगे लिकित हलफनामे शुक्रवार को बहस के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कोर्ट को बताया कि रोहतक मंडल के आयुक्त ने पुलिस रिपोर्ट और कुछ शर्तों के साथ गुड कंडक्ट प्रिजनर्स के नियमों के आधार पर फरलो जारी की है। अगर शर्तों की अवहेलना होती है तो फरलो रद्द की जा सकती है। सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस बीएस वालिया ने सुनवाई के दौरान सरकार को आदेश दिया कि वह सोमवार को सभी दस्तावेज व रिकार्ड कोर्ट में पेश करें, जिसके आधार पर फरलो देने का निर्णय लिया गया। सरकार को इस मामले में लिखित हलफनामा दायर कर पक्ष रखने का भी कोर्ट ने आदेश दिया।
Source navbharattimes

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