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न हिजाब न भगवा शॉल...धर्म का पालन करने के लिए न आएं स्कूल, बोले कर्नाटक के गृह मंत्री

बेंगलुरु: कर्नाटक के एक कॉलेज में हिजाब और भगवा शॉल (Karnataka Hijab Saffron Shawl Row) का मामला गरमाया हुआ है। इस बीच राज्य के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र (A Gyanendra) ने कहा कि बच्चों को स्कूल में न तो हिजाब (Hijab) पहचाना चाहिए और न ही भगवा शॉल (Bhagwa Shawl) ओढ़ना चाहिए। उन्होंने पुलिस से उन धार्मिक संगठनों पर नजर रखने को कहा जो इस देश की एकता को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। गृहमंत्री ज्ञानेंद्र ने मीडिया से कहा कि किसी को भी अपने धर्म का पालन करने के लिए विद्यालय नहीं आना चाहिए , बल्कि यह एक ऐसी जगह है जहां सभी विद्यार्थियों को एकत्व बोध से साथ मिलकर शिक्षा ग्रहण करना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी उडुपी के एक सरकारी डिग्री कॉलेज में कुछ स्टूडेंट्स द्वारा हिजाब पहनने को लेकर उठे विवाद के बीच आई है। एक अन्य घटना में कुंडापुर पीयू महाविद्यालय में हिजाब पहनकर पहुंची मुस्लिम छात्राओं को प्रिंसिपल ने प्रवेश द्वार ही पर रोक दिया। उनसे कहा गया कि क्लास में हिजाब लगाने की अनुमति नहीं है इसलिए वे प्रवेश से अपना हिजाब हटा लें। इससे पहले बुधवार को करीब 100 हिंदू विद्यार्थी हिजाब लगाने के विरोध में भगवा शॉल पहनकर कक्षा में पहुंचे थे। गृहमंत्री ज्ञानेंद्र ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘विद्यालय ऐसी जगह है जहां सभी धर्मों के बच्चों को साथ मिलकर सीखना चाहिए और इस भावना को आत्मसात करना चाहिए कि हम सभी अलग अलग नहीं बल्कि भारत माता की संतान हैं।’ उन्होंने कहा कि लोगों के अपने धर्म के पालन एवं प्रार्थना करने के लिए गिरजाघर, मस्जिद और मंदिर जैसे स्थान तो हैं, इसलिए विद्यालय में बच्चों में राष्ट्रीय एकता और अखंडता की संस्कृति विकसित करने का अकादमिक माहौल होना चाहिए। सभी से इस दिशा में सोचने का आह्वान करते हुए मंत्री ने कहा, ‘ऐसे धार्मिक संगठन हैं जो अन्यथा सोचते हैं,मैंने पुलिस से उनपर नजर रखने को कहा है। जो रुकावट खड़ी करते हैं या देश की एकता को कमजोर करते हैं, उनसे निपटा जाए।’ उन्होंने कहा, ‘सभी को भारत माता की संतान के तौर पर शिक्षा अर्जन के लिए आना चाहिए। किसी को विद्यालय परिसर में न तो हिजाब पहनना चाहिए और न ही भगवा शॉल ओढ़ना चाहिए। उन्हें विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा तय नियमों का अनिवार्य तौर पर पालन करना चाहिए।’
Source navbharattimes

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