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IT, ED के छापों से जो लोग डर रहे हैं वही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जा रहे हैंः बीवी श्रीनिवास

पिछले दिनों कांग्रेस के एक और बड़े नेता आरपीएन सिंह ने पार्टी छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली। वह भी तब, जब पार्टी नेतृत्व ने उन्हें एक दिन पहले ही यूपी के लिए स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल किया था। राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह भी है कि कई और नेता बीजेपी के संपर्क में हैं। कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला थम क्यों नहीं रहा है, कहीं इसकी वजह नेतृत्व का फैसला लेने में होने वाला विलंब तो नहीं, यह जानने के लिए एनबीटी की विशेष संवाददाता पूनम पाण्डे ने बात की यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश : कांग्रेस के बहुत सारे नेताओं ने हाल-फिलहाल में पार्टी छोड़ दी है। कुछ और लोगों के कतार में होने की बात कही जा रही है। इसके पीछे क्या वजह देखते हैं आप? बीजेपी ने इंस्टिट्यूशंस को किस तरह यूज किया है, यह सबको पता है। कोई भी बीजेपी सरकार के खिलाफ बोलेगा, तो उसके ऊपर आईटी, ईडी की रेड होगी। इससे डर कर कुछ लोग पार्टी छोड़कर गए हैं। राहुल गांधी ने साफ कहा है कि जिसे डर है, ऐसे कार्यकर्ता हमें नहीं चाहिए। जिसे बिना डर के देश को बचाने, संविधान को बचाने, लोकतंत्र को बचाने के लिए काम करना है वह कांग्रेस में रहेगा और विचारधारा की यह लड़ाई लड़ेगा। वैसे जो भी कांग्रेस छोड़कर जा रहा है उसकी पहली पसंद बीजेपी ही क्यों बन रही है? इसलिए क्योंकि दबाव बीजेपी से ही तो है। आईटी, ईडी की रेड तो बीजेपी ही करा रही है। चुनाव आते ही इनकी रेड शुरू हो जाती है। बिना वजह परेशान किया जाता है। यह जो कल्चर लाए हैं यह फ्यूचर के लिए भी अच्छा नहीं है। पूरे देश को ये 20 साल पीछे लेकर चले गए हैं। ये प्रोग्रेस की बात नहीं करते। भारत में कहीं भी चुनाव होता है तो पाकिस्तान-पाकिस्तान चिल्लाते हैं। पाकिस्तान वाले अपने चुनाव में कभी भारत का नाम नहीं लेते। बीजेपी भावनात्मक मसलों पर लोगों को कंफ्यूज करती है। लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चलेगा। लोगों को समझ आ गया है। कहा जाता है कि कांग्रेस में फैसले लेने में देरी होने की वजह से हालात खराब हो रहे हैं। क्या कांग्रेस में फैसले लेने में देरी होती है? बीजेपी में पहले सारे फैसले नागपुर से होते थे। अब सब लोक कल्याण मार्ग से हो रहे हैं। फैसले लेने में न तो कोई मंत्री शामिल होता है और न बीजेपी अध्यक्ष नड्डा जी। सिर्फ दो लोग मिलकर फैसले ले रहे हैं। कांग्रेस में करोड़ों कार्यकर्ता हैं और हम उनकी राय लेकर ही फैसला लेते हैं। इसलिए कुछ चीजों में वक्त लग जाता है। जैसे पंजाब में मुख्यमंत्री उम्मीदवार लोगों से राय लेकर तय किया गया। गुलाम नबी आजाद को पद्म सम्मान मिला है। पार्टी के अंदर इस पर कई तरह की बातें कही गईं। आपकी राय में उन्हें यह सम्मान लेना चाहिए था या नहीं? सबकी अपनी ओपिनियन होती है। पहले बहुत सारे साहित्यकारों ने असहमति जताते हुए विरोधस्वरूप अवॉर्ड वापस किए थे। अपना-अपना विचार होता है। उनका अपना विचार है। क्या उनकी बीजेपी से नजदीकियां बढ़ रही हैं? अभी तो वह कांग्रेस में ही हैं, ऐसे में कुछ भी कहना ठीक नहीं है। वह कांग्रेस के सीनियर लीडर हैं, वह हमारे लीडर ही हैं। कांग्रेस के भीतर जी-23 का क्या भविष्य है? जो नाराज थे, सोनिया जी के साथ सबकी बात हो गई। वह नाराजगी खत्म हो गई। ऐसा कोई ग्रुप नहीं है। पांच राज्यों के चुनाव में नतीजों से आपको पता चलेगा। किस-किस राज्य में जीत की उम्मीद कर रहे हैं ? उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब सभी जगह कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। यूपी में भी अच्छे नतीजे आएंगे। यूपी से भी हमें अपेक्षा है। साइलेंट महिला वोटर प्रियंका गांधी से प्रभावित होकर वोट करेंगे। यूपी में कांग्रेस की इतनी कोशिश के बाद भी लड़ाई बीजेपी बनाम समाजवादी पार्टी के बीच में ही दिख रही है, ऐसा क्यों?ऐसा नहीं है। कांग्रेस का अंडर करंट है। प्रियंका गांधी ने जो नारा दिया है- लड़की हूं लड़ सकती हूं, उनके साथ महिलाएं आई हैं। यूपी में महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ है। उनकी कहीं सुनवाई नहीं होती। प्रियंका गांधी ने सबके लिए आवाज उठाई है। यंग गर्ल्स खुलकर उनके समर्थन में आईं। यूपी में 20 लाख पद खाली पड़े हैं। स्टूडेंट एग्जाम की तैयारी करते हैं, पर पेपर लीक हो जाता है, कोई कार्रवाई नहीं होती। यूपी में महिलाएं, किसान, गरीब-मजदूर, युवा, सब प्रियंका जी के लिए वोट दे रहे हैं। यूपी में लोग बदलाव चाहते हैं। क्या लगता है कि प्रियंका गांधी को यूपी में सीएम फेस घोषित करना चाहिए था? यह पार्टी के सीनियर लोगों का डिसिजन है। लेकिन वहां सब कुछ प्रियंका जी ही तो कर रही हैं। संगठन को मजबूत करने का काम बहुत तेजी से हुआ है। उनकी हर रैली, हर कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं आ रही हैं। वहां लोग बदलाव चाहते हैं। पंजाब में पार्टी के भीतर आपसी खेमेबाजी से और अमरिंदर सिंह के जाने से कितना असर पड़ रहा है? किसी भी पार्टी में थोड़ी बहुत खींतचान चलती है। पर जब फैसला हो जाता है तो उसे सब मानते हैं। पंजाब में कांग्रेस के सारे नेता, कार्यकर्ता मिलकर काम कर रहे हैं।
Source navbharattimes

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