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Owaisi Car Attack : 'मुझे ये उम्मीद थी कि ओवैसी मर गए होंगे...' हैरान करनेवाले खुलासे, साजिश से अंजाम तक

गाजियाबाद/लखनऊ : 'ओवैसी ने मुझे गोली चलते हुए देख लिया और वे अपनी जान बचाने के लिए कार के नीचे की ओर बैठे गए। तब मैंने उनकी गाड़ी पर नीचे की ओर गोली चलाई। मुझे ये उम्मीद थी कि ओवैसी मर गए होंगे।' ओवैसी की कार पर फायरिंग करने वाले आरोपी का इकबालिया बयान है। तीन फरवरी को लोकसभा सांसद और की कार पर फायरिंग हुई थी। गाजियाबाद के छिजारसी टोल गेट के पास घटना को अंजाम दिया गया था। तब वो अपने व्यस्त चुनावी कार्यक्रम से दिल्ली लौट रहे थे। हमला करने वाले दोनों आरोपियों ने यूपी पुलिस को दिए बयान में बताया है कि उसने पहले भी तीन बार हमले की योजना बनाई थी। हालांकि वो उसमें सफल नहीं हो सके। गुरुवार यानी तीन फरवरी को मेरठ से दिल्ली लौटते समय ओवैसी की कार पर फायरिंग की गई थी। इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। बाद में सचिन शर्मा और शुभम नाम के दो आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े। सचिन ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि 'जैसे ही की गाड़ी छिजारसी टोल पर शाम के समय के वक्त आई और धीमी होकर गुजर रही थी। तभी मैंने (सचिन) और शुभम ने एक साथ ओवैसी को जान से मारने के लिए उनकी कार को टारगेट बनाकर गोलियां चलानी शुरू की। मैंने जैसी ही पहली गोली चलाई तो ओवैसी ने मुझे गोली चलते हुए देख लिया और वे अपनी जान बचाने के लिए कार के नीचे की ओर बैठे गए। तब मैंने उनकी गाड़ी पर नीचे की ओर गोली चलाई। मुझे ये उम्मीद थी कि ओवैसी मर गए होंगे। साथ ही उसने ये भी कहा कि उसे नहीं पता था कि शुभम ने कितनी गोलियां चलाईं क्योंकि इसके बाद दोनों अलग-अलग दिशाओं में भागे।' पुलिस ने एफआईआर में इस बात का जिक्र किया है कि दोनों आरोपी ने शुरू में संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे थे। जब उन्हें बताया गया कि पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज है तो आरोपी सचिन ने माफी मांगा। पूरी घटना के बारे में जानकारी दी। योजना बनाने से लेकर अंजाम तक के बारे में बताया। आरोपी सचिन ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि 'मैं एक बड़ा नेता बनना चाहता था। खुद को एक सच्चा देशभक्त मानता हूं। मुझे ओवैसी के भाषण राष्ट्र विरोधी लगते थे। मेरे मन में उनके लिए नफरत भर गई थी।' पुलिस को उसने बताया कि वो ओवैसी की यात्राओं पर नजर रखने के लिए एआईएमआईएम के डासना अध्यक्ष के संपर्क में आया। तभी फैसला किया कि वो किसी प्रचार अभियान के दौरान ही ओवैसी पर हमला करेगा। योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सहारनपुर के रहने वाले शुभम से संपर्क किया। शुभम को सचिन कई सालों से जानता है। एफआईआर में दर्ज किए गए बयान के अनुसार सचिन ने बताया कि ओवैसी पर हमले की योजना बनाने के बाद उसने शुभम को फोन किया। शुभम 28 जनवरी को गाजियाबाद आया और हम दोनों वेब सिटी के पास मिले। शुभम अपने दोस्त के साथ रह रहा था। हम दोनों ने मिलकर ओवैसी को मारने का फैसला किया और सही समय का इंतजार करने लगे। प्लान के मुताबिक सचिन और शुभम 30 जनवरी को गाजियाबाद के शहीद नगर पहुंचे, जहां ओवैसी की जनसभा हो रही थी। उसी दिन अपनी योजना को अंजाम देना चाहते थे लेकिन भीड़ के कारण फैसले को टालने का फैसला किया। पुलिस के सामने दिए गए बयान में सचिन ने ये भी बताया कि पहला प्लान फेल होने के बाद मेरठ के गोला कुआं भी गए। लेकिन भीड़ होने के कारण फिर से योजना टालनी पड़ी। ओवैसी की किठौर वाली सभा में भी मारने की नीयत से सचिन और शुभम पहुंचे लेकिन वहां भी भीड़ होने की वजह से कामयाब नहीं हो सके। तभी दोनों को पता चला कि ओवैसी अपनी सफेद एसयूवी से दिल्ली जा रहे हैं। एफआईआर के अनुसार ये जानकारी पता लगते ही दोनों ने हमला करने का फैसला लिया क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि फिर से एक और मौका कब मिलेगा।
Source navbharattimes

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