याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद-21 का हवाला देकर कहा है कि उसके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। 11 साल से वह फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से काल कोठरी में बंद है। साथ ही कहा कि मर्सी पिटिशन के निपटारे में डेढ़ साल लगे। Source navbharattimes
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