जब हमें सिखाया जाता है कि विधान परिषद विधानमंडल में ऊपरी सदन कहलाता है तो मन में सम्मान का भाव आता है। जब इसके उद्देेश्यों को पढ़ेंगे तो भरोसा पैदा होता है कि विधानसभा में अगर कुछ गलत होता है तो ऊपरी सदन संतुलन का काम करेगा। लेकिन, आजादी के अमृत महोत्सव साल में जब आप परिषद के सदस्यों की पृष्ठभूमि और विधान परिषद चुनाव के तह में जाएंगे तो मन करेगा इसे तुरंत समाप्त क्यों नहीं किया जाता। Source navbharattimes
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