मैं अक्सर अमृताजी के यहां जाती थी। इमरोज साहब बड़े सलीके से चाय बनाकर लाते। बड़ा प्यारा सा रिश्ता था उन दोनों के बीच। हालांकि 'एक मुलाकात' नाम का जो मैंने प्ले किया, वह अमृता और साहिर को लेकर है। लेकिन निजी तौर पर मैं अमृता और इमरोज की प्रेम कहानी को एक आदर्श की तरह देखा करती थी Source navbharattimes
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