अपने देश में खासकर गांवों में गर्भपात का लोग जिक्र ही नहीं करते। इसे टैबू समझा जाता है। ऐसे में महिलाएं खुलकर अपनी समस्या नहीं कह पाती हैं। वास्तव में, जितना हम किसी चीज को छिपाते हैं वह उतनी ही समस्या बढ़ाता है। इसी टैबू के कारण महिलाएं अच्छे डॉक्टर या अस्पताल न जाकर नीम हकीम के चक्कर में पड़कर अपनी जान का खतरा मोल ले लेती हैं। Source navbharattimes
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