पहले द्विपक्षीय बातचीत में युद्ध रोकने को लेकर रूस को नसीहत, फिर संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेनी राष्ट्रपति के संबोधन के पक्ष में वोटिंग। भारत की कूटनीति बहुत सधी हुई दिख रही है। हालांकि, इससे ये सवाल भी उठ सकता है कि क्या रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर नई दिल्ली के रुख में कोई बड़ा बदलाव आ रहा। Source navbharattimes
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