मल्लिकार्जुन खरगे की कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी का मतलब है कि पार्टी ने एकता बनाए रखने के खातिर समझौतावादी रुख अपनाया है। फोकस यथास्थिति बनाए रखने पर है न कि अगले लोकसभा चुनाव पर। दूसरा ये कि अब सुस्त पड़ी बेजान पार्टी को पुनर्गठित करने का काम शायद 2024 के बाद ही शुरू हो पाए। Source navbharattimes
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