भारतीय समाज में नोट को धन के पर्यायवाची के रूप में देखा जाता है। हिंदी फिल्मों के बहुत सारे गाने इस पर आधारित हैं। जैसे 'अपना सपना मनी-मनी', 'पैसा-पैसा करती है, तू पैसे पर क्यूं मरती है', 'सबसे बड़ा रुपैया', 'एक पैसा दे दो बाबू', 'पैसे की कहानी', 'छन-छन बाजे रुपैया', 'पैसा फेंक तमाशा देख'। काले धन पर भी आधारित बहुत खबरें छपती रहती हैं। Source navbharattimes
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