मेरा मन बल्लियों पर और अचरज आसमान छू रहा था। मैं सचमुच आकाश में था, देश के प्रधानमंत्री के करीब, अपने बाबूजी के अति निकट। वैसी निकटता कितनी ही बार मिली है, पर वह कुछ अनोखी ही थी। उस दिन एक राजनेता ने पूछा था जब मैं लोगों के यहां भोर में हाजिरी बजाते, बैंक की नौकरी करते भागता फिर रहा था कि राजनीति से आप कहां जुड़े हैं? Source navbharattimes
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