रूस और यूक्रेन के बीच इस साल छिड़ी जंग का दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था पर ही नहीं, उनकी विदेश नीतियों पर भी असर पड़ा है। आजादी के बाद से ही भारत का झुकाव गुटनिरपेक्ष विदेश नीति के साथ-साथ रूस की ओर रहा है। यूक्रेन के मसले पर भी भारत संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ आए प्रस्तावों पर वोटिंग से दूर रहा है। रूस से सस्ते दामों पर तेल खरीदना भी उसने जारी रखा है। भारत का तर्क है कि अपने नागरिकों को सस्ती कीमतों पर पेट्रोल, डीजल और गैस मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत का यह स्टैंड पुरजोर तरीके से विदेशी मीडिया के सामने रखा है। Source navbharattimes
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