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हमारा परिंदा पर भी मारता है और पाकिस्तान का ड्रोन भी गिरा सकता है, नाम है अर्जुन

विश्व युद्ध के समय कबूतर लेटर पहुंचाने का काम किया करते थे, उससे पहले प्राचीन यूनान में ओलंपिक खेलों में ये जीतने की खबर पहुंचाते थे लेकिन आज वक्त बदल चुका है। आज के परिंदे सीधे तौर पर जंग के मैदान में उतर रहे हैं। ऐसे ही एक परिंदे (Kite Arjun) की तस्वीर भारतीय सेना ने दिखाई है जिसने उत्तराखंड के औली में युद्धाभ्यास के दौरान दुश्मन के ड्रोन को मार गिराया। सेना की ओर से प्रशिक्षित किए गए चील ने पहले ड्रोन को टारगेट पर लिया और मौका मिलते ही पंजों से उस पर झपट्टा मार दिया। निशाना लगाने में माहिर इस चील का नाम भी अर्जुन रखा गया है। लेकिन इसकी बहादुरी का कारनामा यहीं तक सीमित नहीं है। ये आसमान की ऊंचाई को नापते हुए दुश्मन की हर गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं। ...कोई सरहद ना इन्हें रोके, उस गाने की तरह ये मस्तमौला पक्षी अपने पंखों को फैलाए आसमान से सब कुछ देख रहे होते हैं। 'जंगल न्यूज' में आइए जानते हैं भारत के इस जांबाज परिंदे के बारे में। जंग का मैदान हो या किसी देश की सरहद, वहां की सेना अपनी सीमा से दुश्मन की नापाक हरकत का जवाब देने के लिए 24x7 सक्रिय रहती है। लेकिन इतने से ही काम नहीं चलता। सेना को पहले से निगरानी रखनी पड़ती है कि सीमा के उस पार दुश्मन की मूवमेंट क्या है। अब ये काम भारत का जांबाज परिंदा करेगा। अर्जुन नाम के इस चील पर छोटा सा कैमरा फिट किया जा सकता है और यह दुश्मन के इलाके में घुसकर वहां से लाइव तस्वीरें भेज सकता है। मेरठ की रीमाउंट वेटरिनरी कोर इस तरह कई चीलों को ट्रेंड कर चुकी है। ये चील सेना के ट्रेंड डॉग्स के साथ मिलकर एंटी ड्रोन सिस्टम का काम करेंगे। इसे यूं समझिए कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की तरफ बढ़ती दुनिया में यह एक अलग फौज है। Source navbharattimes

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