साल 2020 में बहादुरी का अवॉर्ड पाने वाले सौम्यदीप पर उनके पिता को बहुत गर्व है लेकिन वह दिन रात बेटे की चिंता में डूबे रहते हैं। उनकी चिंता है कि उनके बाद सौम्यदीप की जिंदगी कैसे कटेगी, कौन उसका ध्यान रखेगा। अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों से अपनी मां और बहन को बचाने वाले लड़के की मुश्किल हो गई है जिंदगी। Source navbharattimes
0 टिप्पणियाँ