यह कोई छिपी हुई बात नहीं कि जर्मनी के साथ भारत के रिश्ते अन्य यूरोपीय देशों, जैसे- फ्रांस के मुकाबले पीछे रह गए। जर्मनी का चीन को ज्यादा तवज्जो देना भी इसकी एक वजह है। लेकिन यह स्थिति तेजी से बदल रही है। दिलचस्प संयोग कहिए कि चांसलर ओलाफ शोल्ज की पहली भारत यात्रा तभी हुई, जब यूक्रेन युद्ध का एक साल पूरा हो रहा था। यूक्रेन पर रूसी हमला इस लिहाज से भी ऐतिहासिक है कि यह जर्मनी की सुरक्षा नीति में बदलाव का कारण बना। Source navbharattimes
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