नई दिल्ली: रामनवमी के त्योहार पर बंगाल, बिहार समेत देश के अन्य इलाकों में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने हमें इतिहास में झांकने पर मजबूर कर दिया है। देश में त्याहारों पर दंगों का इतिहास बहुत पुराना है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने अपनी पुस्तक 'पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन' में भारत का बंटवारा करने के कारणों को गिनाते हुए सांप्रदायिक दंगों का लंबा लेखाजोखा पेश किया है। उन्हें पढ़कर लगेगा कि बीते सौ साल में कुछ नहीं बदला। हिंदू और मुसलमान आज भी एक-दूसरे के करीब नहीं आ सके। हालात ये हैं कि हिंदू हो या मुसलमान, दोनों के ही त्योहारों पर कहीं ना कहीं से हिंसा की खबरें अक्सर आ ही जाती हैं। प. बंगाल में तो ऐसा बार-बार देखने को मिलता है। आश्चर्य की बात है कि वहां सौ साल पहले भी ऐसे ही हालात थे। Source navbharattimes
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