नई दिल्ली: महाराष्ट्र के नवी मुंबई में 16 अप्रैल को लू चलने की कोई चेतावनी नहीं थी। तापमान के लू की सीमा पार करने की संभावना नहीं थी और पार गया भी नहीं। सबसे पास के मौसमी स्टेशन, ठाणे में अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इसके बावजूद शहर में उस दिन हुए एक सरकारी कार्यक्रम में 14 लोगों की हीट स्ट्रोक से मौत हो गई। काफी सारे लोग बीमार पड़े। यानी यह साफ है कि सिर्फ तापमान से मौसम के असर का पता नहीं चलता। हालांकि, नवी मुंबई की घटना में और भी कई फैक्टर्स थे- उम्र, स्वास्थ्य और लंबे समय तक धूप में बैठे रहना आदि... यानी असल में कितनी गर्मी पड़ रही है, और उससे कितना खतरा है, यह तय करने के लिए कई चीजों को फैक्टर-इन करना जरूरी है। इसीलिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हीट इंडेक्स लॉन्च किया है। इसमें तापमान के साथ-साथ आर्द्रता को भी ध्यान में रखा जाता है। आईएमडी के प्रमुख डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि हीट इंडेक्स से 'फील होने वाले टेम्परेचर रेंज' का पता चलता है। Source navbharattimes
0 टिप्पणियाँ