रात के साढ़े दस बजे हैं। गली सुनसान है। तभी बच्चे के चीखने की आवाज आती है। उस दिशा में दौड़ने पर पता चलता है कि 8-9 साल के बच्चे को 4-5 कुत्तों ने घेर लिया है। उसके हाथ में कुछ है जो वह परचून की दुकान से लाया है। वह बुरी तरह सहमा हुआ है। पीछे से भी दो कुत्ते उस पर झपटने वाले हैं। तय था कि कुछ पल में ये कुत्ते इस बच्चे पर टूट पड़ते। मैं तेज आवाज में कुत्तों को डांटते हुए उनकी तरफ दौड़ा। Source navbharattimes
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